पाखी अब बड़ी हो रही है और समझदार भी ,पर बचपना कही कही झलक ही जाता है ,अभी कुछ दिनों पहले की बात है ,हम लोग कही बाहर गए थे ,इधर दो -चार दिनों से उल्टा सीधा खाना खाने की वजह से पतिदेव बीमार पड़ गए ,पर वो बीमार हो जाए ,ऐसा वो मानने को हरगिज तैयार नहीं होते हैं सो लगे बहाने ढूँढने की शायद ये वजह हो ,या फिर वो वजह हो ,थोड़ी देर के बाद वो किसी निष्कर्ष पर पहुँच ही गए .उन्होंने बताया की वो उन्हें नज़र लग गयी है किसी की वो फलां जगह उनकी मिसेज ने घूर -घूर के देखा था इसलिए तबियत खराब हो गयी ,हम उनकी मजाक की आदत से वाकिफ़ हैं सो ,मुस्कुराते हुए अपना काम करने लगे ,थोड़ी देर बात पाखी को भी इस बात से वाकिफ़ कराया गया की तुम्हारे पापा को नज़र लग गयी है .पाखी ने बड़ी मासूमियत से पूछा,
पापा एक बात बताओ उन्होंने तो तुम्हारे चेहरे को देखा था ,तो नज़र तो looks को लगनी चाहिए थे पर तुम्हारा तो stomach upset hai naa .............
पेट पर नज़र तो नहीं लगी थी ना ..........................
हम सभी का हस हस कर बुरा हाल था ,सोचा आप सब से भी साझा की जाए ये बात ................कैसी रही .
6 comments:
Hahahaha ! Pakhi beta , koi stomach par najar lagaane walaa ho to hamse jaroor milwaana...
नूतन वर्ष 2011 की शुभकामनाएं
आपकी पोस्ट 1/1/11-1/11 की प्रथम वार्ता में शामिल है।
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें!
पल पल करके दिन बीता दिन दिन करके साल।
नया साल लाए खुशी सबको करे निहाल॥
pakhi..bahut samajhdaar hai...sachmuch...har maa baap aur har jaananewale ko lagega ki pakhi jaisi bitiya rani usake bhi aangan me aaye...sadar
hahaha....
bahut samjhdaari kee baat kahi Pakhi ne... :)
बच्चे मन के सच्चे!
Post a Comment