Sunday, June 26, 2011

ले जा के दिखाओ पापा को अपने साथ

दिल्ली में मानसून की दस्तक और पहली बारिश ,उस पर दिन भी हो गर रविवार का तो क्या कहने ,तो हम ,पाखी उनके पापा के साथ चल दिये rain walk पर .अब पूरे दिन का प्रोग्राम बनाया जाने लगा .रंगबिरंगे छाते लगाए हुए हम तीनों और दूर दूर तक सड़क पर कोई नहीं मानो प्रक्रति सिर्फ हमारा स्वागत कर रही हो बारिश की बूंदों को हमारे ऊपर डाल कर ....तो पाखी आज कही चला जाए ,..पाखी थोडा upset हैं क्यूंकि हमने मूवी जाने के लिए मना कर दिया था उनकी जिद पर चले जाओ, उसके बाद महीनों ये सोचते रहो की कुछ भी बनेगा तो बिकेगा ही सिनेमा के नाम पर .......(ready )झेल चुके ही थे थोड़े दिन पहले इसलिए double dhamaal और उसकी जलेबी बाई देखने का कोई मूड नहीं था ...........सोचा कुछ हट के किया जाए , पाखी आज habitat center चलते हैं सुना है बहुत सारे cultural programmes हो रहे हैं वहाँ पर ......पाखी ने तुरंत फरमान जारी किया noway ................i am not going that place .तो हमने उनसे कहा कि कोई बात नहीं हम और तुम्हारे पापा चले जायेंगे ,अब तो तुम रुक सकती हो घर पर ............पाखी ने बिना किसी देरी के जवाब दिया ले जा के दिखाओ पापा को अपने साथ ,अब वो और पापा फोटोग्राफी में मस्त हैं और हम आपके साथ अपना दर्द साझा कर रहे हैं .............अब पाखी कुछ ज्यादा ही समझदार हो रही है ..............आपको क्या लगता है .
आज के लिए इतना ही
खुदा हाफ़िज़