हमारी बेटी पाखी को समर्पित कुछ हमारी भावनाएं कुछ उसकी महात्वाकान्क्षाएँ, जिन्दगी को भरपूर जीने की कोशिश देखें की आगे आगे होता है क्या
Tuesday, November 3, 2009
कोई लौटा दे मेरे बीते हुए..........................
वो पंडित जी के आते ही सभी बच्चों का खेल रुक सा जाता था ,पंडित जी के थैले में एक बांसुरी और रंग -बिरंगी चित्र -कथाएं .खेल वहीँ का वहीँ रुक जाता जो चोर वो वहीँ वैसे ही ठहर जाता ,पंडित जी जैसे ही पीछे वाले ब्लाक में अखबार डालने जाते ,हम सब उनके थैले में से सारी किताबें गिन कर ईमानदारी से एक दूसरे को बाँट देते , और फिर शुरू हो जाता कॉमिक्स पढने का वो सिलसिला की शायद ,सबसे कम समय में सबसे ज्यादा पढने की रेस ,और सबके ऊपर बढती जाती हमारी खीज एक आधे लोगों से तो यह कहकर कॉमिक्स की जुगाड़ की जाती की तुम बहुत धीरे पढ़ते हो हमे दो हम तम्हें बाद में सारी कहानी सुना देंगे ,खींचतान चलती रहती ,सबसे ज्यादा पढने का और जल्दी पढने का हमारे साथ किसी का कोई मुकाबला तो था ही नही ,सो हम तो ठहरे अव्वल दर्जे के शैतान पर......... एक संजीदा लड़की चाहती थी कभी फुर्सत के लम्हों में पंडित जी से बांसुरी सुनना मगर वो हो न सका ,पूरी भीड़ जो चाहती थी ,हम भी उसी का नेतृत्व करते .दिन गुजरते रहे एक दिन पापा का ट्रान्सफर हम सब बोरिया बिस्तर बांधकर वापस लखनऊ और वो आज भी जेहन में है पंडित जी की बांसुरी जो कभी हम सुन न पाये ,काश कोई लौटा दे मेरे .........................................
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5 comments:
un beete ko hum khojte hain,par we hamare paas hote hain......jab zara gardan jhukayi bachpan khilkhila jata hai
i think ye kissa sbhi ki life ka ek beeta hua pal jaise lagta ki aisa mri bhi life mei hua hai kbhi bilkul aisa nhi par milta julta sa......
हमारी लाइफ में ऐसे मस्त पंडित जी तो शायद कभी नहीं आये
लेकिन कामिक्स के जिस दौर का आप जिक्र कर रही हैं..
जिस अंदाज में कर रही हैं... वो पिछले दिनों में ले गया ..
छोटी सी पोस्ट है आपकी... अभी ४--५ बार में पढ़ी गयी है....
शुरू होते ही ...
कभी फैंटम, मेंड्रेक ,लोथार , राजन इकबाल , बेला -बहादुर ,
तो कभी चाचा चौधरी, घसीटा राम मोटू पतलू...
चन्दा मामा की वेताल=कथा...
जाने क्या क्या याद अआने लगा.
मन भी काफी अच्छा हो गया..
बचपन के दिन तो नहीं मिलेंगे
हाँ, पंडित जी और उनकी बांसुरी मिल सकती है
शुभकामना...
sundar prasuti...
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