tag:blogger.com,1999:blog-1237204784999374995.post7126130279321727081..comments2023-10-06T05:05:00.909-07:00Comments on पाखी- मेरी उम्मीद: उसकी (पाखी की ) सलामती के लिएneelamhttp://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-1237204784999374995.post-34605713911794972222011-07-04T22:36:11.451-07:002011-07-04T22:36:11.451-07:00आप सभी कि आवक अच्छी लगती है ............यूँ ही आते...आप सभी कि आवक अच्छी लगती है ............यूँ ही आते रहिएगाneelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1237204784999374995.post-20146459978746416842010-04-24T02:11:19.363-07:002010-04-24T02:11:19.363-07:00भगवान् जी से प्रार्थना है
कि पाखी के लिए मांगी ग...भगवान् जी से प्रार्थना है <br />कि पाखी के लिए मांगी गयी <br />हर दुआ <br />कुबूल हो जाए ......<br />हमेशा ... ... ..daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1237204784999374995.post-17499121580223798352010-04-07T10:10:28.714-07:002010-04-07T10:10:28.714-07:00'बेचैन आत्मा' पर आपकी टिप्पणी को देखा जिसम...'बेचैन आत्मा' पर आपकी टिप्पणी को देखा जिसमें मेरी टीप का जिक्र <br />था , मेरे मंतव्य को आपने समझा इसके लिए पहले धन्यवाद .. आपने कहा <br />की आप अवधी जानती हैं , यह मेरे लिए गर्व की बात है , मैं प्राथमिक रूप से <br />अवधी - लेखक हूँ .. हिन्दी में शोध-बोध यूँ ही किया करता हूँ पर 'गाँव' की मिट्टी <br />की सोंधी खुशबू तो अवधी में ही रख पाता हूँ .. इसके लिए आप मेरा अवधी ब्लॉग <br />देख सकती हैं , अगर उसमें कुछ ठीक लगेगा तो स्वयं को सार्थक सा समझूंगा , लिंक <br />यह है ---<br />http://awadhikaiaraghan.blogspot.com/<br />.<br />अब बात आपकी कविता पर ...<br />आधुनिकता के नाम पर हम हर जगह तर्काश्रित नहीं हो सकते , अंधविश्वास ही सही <br />पर 'काजल के टीका' में कितना वात्सल्य है ! पूरी संतान-स्नेह-संस्कृति का आकर्षण <br />के ख़ास पहलू को जैसे दिखा रहा हो यह ! लम्बी यात्रा की अनुगूंज ! आपकी यह पंक्ति <br />बड़ी सटीक है ;<br />वो नहीं मानती इन बातों को ,<br />कभी हम ने भी तो नहीं माना था ,<br />पर एक माँ मानती है दुनिया की<br />सभी रूढ़ियों को<br />उसकी(पाखी ) सलामती के लिए ..............<br />.<br />--------- आपके लेखन से गुजरते हुए ऐसा लगा कि कुछ पुराने और स्वागतयोग्य <br />पक्ष सहज ही अभिव्यक्त हो जाते हैं ! इस विशिष्टता को बनाये रखियेगा ..<br />आपके ब्लॉग का फीड संजो लिया है , यथासंभव आता रहूंगा पर कभी कभी कुछ खरा <br />बोल जाता हूँ ( ठेठ गंवार की तरह ) तो उसे माफ़ कीजिएगा ! पुनः आभार !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1237204784999374995.post-77115314683227189822010-04-04T19:34:11.920-07:002010-04-04T19:34:11.920-07:00वो नहीं मानती इन बातों को ,
कभी हम ने भी तो नहीं म...वो नहीं मानती इन बातों को ,<br />कभी हम ने भी तो नहीं माना था ,<br />पर एक माँ मानती है दुनिया की<br />सभी रूढ़ियों को--<br />--दिल को छू लेने वाली पंक्तियाँ हैं।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1237204784999374995.post-79627520932508247762010-04-01T19:00:40.358-07:002010-04-01T19:00:40.358-07:00कभी हम ने भी तो नहीं माना था ,
पर एक माँ मानती है ...कभी हम ने भी तो नहीं माना था ,<br />पर एक माँ मानती है दुनिया की<br />सभी रूढ़ियों को.....<br /><br /><br />एकदम सच...<br /><br />और...<br />मेरा अंश तू, मेरा वंश तू..<br />संजो के रख लूं तुझे कहाँ कहाँ......<br />क्या बात कही है राघव जी ने..............<br /><br />पाखी की खुशियाँ ऐसे ही महकती रहे...<br /><br />आपके ब्लॉग की हिरोईन पाखी की सलामती के लिए बहुत बहुत दुआएं...<br /><br />आमीन....................!manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1237204784999374995.post-53011888093133197582010-03-31T22:34:31.704-07:002010-03-31T22:34:31.704-07:00maa ki beti, beti ki maa...
hote poorak yahan do j...maa ki beti, beti ki maa...<br />hote poorak yahan do jahan..<br />mera ansh to mera vansh tu..<br />sanjo ke rakh lun tumjhe kahan kahan..भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghavhttps://www.blogger.com/profile/05953840849591448912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1237204784999374995.post-14388541374538469042010-03-31T19:26:23.061-07:002010-03-31T19:26:23.061-07:00नीलम जी,
बेहद भावुक कर दिया है आपने.नीलम जी,<br />बेहद भावुक कर दिया है आपने.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1237204784999374995.post-26105420562227231212010-03-31T19:20:33.184-07:002010-03-31T19:20:33.184-07:00अति मंजुमये सच्चा आप ने जो अपने भाव तो जो व्यक्त क...अति मंजुमये सच्चा आप ने जो अपने भाव तो जो व्यक्त किया बड़ा हे सुन्दर है <br /><br />कहीं उसकी खिलखिलाहट<br />चुप न हो जाए ,<br />इसी डर से काजल का टीका लगाती हूँ ,<br />जो उसे दीखता नहीं कहीं ,<br />वो नहीं मानती इन बातों को ,<br />कभी हम ने भी तो नहीं माना था ,<br />पर एक माँ मानती है दुनिया की<br /><br />बहुत अच्छी रचना। बधाई।inqlaab.comhttps://www.blogger.com/profile/07233029863355627847noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1237204784999374995.post-78256950897185442972010-03-31T08:20:30.470-07:002010-03-31T08:20:30.470-07:00बहुत अच्छी रचना। बधाई।बहुत अच्छी रचना। बधाई।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1237204784999374995.post-23221175998700149242010-03-31T05:54:55.952-07:002010-03-31T05:54:55.952-07:00नीलम जी,
बेहद भावुक कर दिया है आपने.
माँ होने की ...नीलम जी,<br />बेहद भावुक कर दिया है आपने.<br /><br />माँ होने की जिम्मेदारी उसी तरह हैं जैसे दुनिया की जिम्मेदारी ईश्वर पर. आप अपना काम करते रहिये, बच्चे बड़े होने पर खुद ही समझ जाते हैं :) .Pooja Anilhttps://www.blogger.com/profile/11762759805938201226noreply@blogger.com